मुख्य समाचार
पार्वा कार्यकारिणी के चुनाव - कार्यक्रम घोषित
______________________________________

Wednesday, December 29, 2010

कचरा संस्कृति

एक महिला परेशान खोई-खोई अपने बरामदे में टहल रही थी. दोपहर का वक़्त था. उनकी पडोसन भी अपने बरामदे में आईं. इन परेशान महिला को देखा तो बोलीं, 'क्या बात है बहन, बड़ी परेशान लग रही हो. सब ठीक तो है न?'
महिला, 'हाँ सब ठीक है, बस कुछ उलझन सी हो रही है'.
पडोसन, कैसी उलझन?'
महिला, 'ऐसा लग रहा है जैसे मैंने कुछ करना था पर किया नहीं और अब याद भी नहीं आ रहा कि क्या करना था.'
पडोसन, 'अरे तो इस में परेशान क्या होना. एक-एक करके गिन लो कि क्या करना था और क्या नहीं किया. सुबह उठने से शुरू करो.
'हाँ यह ठीक है', महिला ने खुश हो कर कहा और मन ही मन गिनना शुरू किया. कुछ ही देर में ख़ुशी से चिल्लाईं, 'याद आ गया. आज मैंने अभी तक पार्क में कचरा नहीं फेंका. बस इसी बात से उलझन हो रही थी.'
पडोसन, 'चलो ठीक हुआ, अब जल्दी से कचरा फेंको पार्क में और इस उलझन से छुटकारा पाओ'.'
महिला ने जोर से आवाज लगाईं, 'अरे बहू जल्दी दे प्लास्टिक में डाल कर कचरा दे, पार्क में फेंकना है.'
'पर सासूजी कचरा तो सारा जमादार ले गया.' बहू अन्दर से चिल्लाई.
'थोडा बचाकर नहीं रख सकती थी मेरे लिए? रोज पार्क में कचरा फेंकती हूँ जानती नहीं क्या?' महिला गुस्से से चिल्लाईं.
बहू बाहर आकर बोली, 'मैंने सोचा आपने फेंक दिया होगा. रोज सुबह आप सबसे पहला काम आप यही तो करती हैं.'
'अरे आज भूल गई', महिला बोली, 'अब जल्दी से कुछ कचरा तैयार करके ले आ. जब तक कचरा पार्क में नहीं फेंकूँगी मेरी उलझन दूर नहीं होगी'.
'अब इतनी जल्दी कचरा कहाँ से पैदा करूँ?, बहू ने कहा.
'हे भगवान्, किस गंवार को हमारे पल्ले बाँध दिया. जरा सा कचरा तक नहीं पैदा कर सकती.' महिला ने परेशानी में अपने माथे पर हाथ मारा.
बहू कुछ नहीं बोली और झल्लाती हुई अन्दर चली गई. मन में सोचा, बाबूजी को क्यों नहीं फेंक देती पार्क में, बेचारों का हर समय कचरा करती रहती है.
इधर महिला और परेशान हो गई. अचानक ही उन्हें एक आईडिया सूझा. उन्होंने अपनी पडोसन से कहा, 'बहन आपके यहाँ थोडा कचरा होगा? मुझे दे दीजिये कल लोटा दूँगी. मेरा आज का काम हो जाएगा.'
'हाँ हाँ बहन ले लीजिये कचरा और लौटाने की कोई जरूरत नहीं. आप अक्सर चाय, चीनी, दूध मांगती रहती हैं. कभी लौटाया है क्या कि अब कचरा लौटाएँगी'. पडोसन मुस्कुराते हुए बोली.
महिला तिलमिलाईं पर हंसते हुए बोली, 'अब जल्दी से मंगवा दो न कचरा.'
पडोसन ने अपनी बहू को आवाज दी, 'अरे बहू थोडा कचरा एक प्लास्टिक में डाल कर ले आ. आंटी को पार्क में फेंकना है.'
बहू कचरा ले कर आई और आंटी को दे दिया. महिला ने कचरे से भरा प्लास्टिक पार्क में फेंक दिया. दूर बैठा एक कुत्ता दौड़ा हुआ आया आया. प्लास्टिक को फाड़ा और कचरे को इधर उधर फैला दिया.
महिला के चेहरे पर प्रसन्नता और शान्ति का भाव था, ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने कोई महान सामजिक और सांस्कृतिक कर्तव्य पूरा किया हो. वह हंसते हुए पड़ोसन से बोली, 'बहन आपका बहुत बहुत धन्यवाद. आपका यह उपकार जिंदगी भर नहीं भूलूंगी.'
पड़ोसन बोली, 'पड़ोसी होते किस लिए हैं?'
जय कचरा संस्कृति.

सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आत्मिक सुख

आज सुबह पार्क में सिन्हा साहब बहुत खुश नजर आ रहे थे. मुहाबरे की भाषा में कहें तो, ख़ुशी फूटी पड़ रही थी उनके चेहरे पर. बैसे ध्यान से देखने पर अत्यधिक प्रसन्न सिन्हा साहब के चेहरे पर कुछ परेशानी भी नजर आ रही थी. अत्यधिक प्रसन्नता और कुछ परेशानी का ऐसा अद्भुत संगम मैंने पहले कभी नहीं देखा था. कई लोगों ने पूछा पर उन्होंने अपनी इस प्रसन्नता और परेशानी को किसी के साथ बांटा नहीं था. जब मेरी उत्सुकता मुझे परेशान करने लगी तो मैं भी उनके पास पहुँच गया.
मुझे देखते ही बोले, 'दीवान साहब नहीं आये अभी तक?'
दीवान साहब उनके लंगोटिया यार हैं. तो यह कारण था उनकी परेशानी का. ख़ुशी की बात दीवान साहब को न बता पाने के कारण परेशान थे सिन्हा साहब. खैर यह परेशानी ज्यादा देर नहीं रही. दीवान साहब भी आ गए.
सिन्हा साहब ने अपनी शिकायत दर्ज कराई, 'कहाँ रह गए थे यार? इतनी देर से इंतज़ार कर रहा हूँ.'
'यार कल रात दारू पार्टी ज्यादा देर तक चली. उठने में देर हो गई', सिन्हा साहब ने सफाई दी और पूछा, 'तुम कहाँ रहे कल? पार्टी में नहीं आये'.
'अरे यही तो बताना है तम्हें' सिन्हा साहब ने कहा और दीवान साहब का बाजू पकड़ कर उन्हें झाडियों की तरफ ले गए.
मैं भी खिसका और झाडियों की दूसरी तरफ छिप कर खड़ा हो गया. सिन्हा साहब ने दीवान साहब को जो बताया वह मैं आपको बता रहा हूँ, पर इस शर्त के साथ कि आप किसी और को नहीं बताएँगे.
दीवान साहब, 'हाँ अब बताओ.'
सिन्हा साहब, 'यार तुम तो जानते ही हो कि ईश्वर ने मुझे हर गलत काम करने का आत्मिक सुख दिया, पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आत्मिक सुख से अभी तक बंचित कर रखा था. कल वह सुख भी प्राप्त हो गया'.
दीवान साहब, 'भई वधाई हो, अब जल्दी से खुलासा कर के बताओ'.
सिन्हा साहब, 'तुम्हे पता ही है कि मैं बेटे की शादी कर रहा हूँ और उस के लिए मकान में कुछ फेर बदल करवा रहा हूँ'.
दीवान साहब, 'हाँ हाँ मालूम है, अब आगे कहो'.
सिन्हा साहब, 'दो दिन से पिछले कमरे में काम चल रहा था कि तुम्हारी भाभी ने एक आइडिया दिया. क्यों न सड़क की तरफ दीवार बढा कर एक अलमारी और एक स्टोर बना लें? इस से कमरे में जगह भी खूब मिल जायेगी और सरकारी जमीन पर कब्जा करने का तुम्हारा सपना भी पूरा हो जाएगा. मेरी तो बांछे खिल गई यार, क्या आइडिया दिया था बीबी ने'.
दीवान साहब, 'वाह क्या बात है. किसी ने सही कहा है कि हर सफल आदमी के पीछे एक औरत होती है'.
सिन्हा साहब, 'हाँ यार, भगवान् ऐसी बीबी किसी दुश्मन को न दे. कल रात जा कर यह महान काम पूरा हुआ. तब से एक गहरे आत्मिक आनंद का अनुभव कर रहा हूँ'.
दीवान साहब, 'लेकिन लोग ऐतराज नहीं करेंगे क्या? सड़क बैसे ही काफी तंग है, अब तो और भी तंग हो जायेगी'.
सिन्हा साहब, 'अरे यार यह बात तो मेरे इस आत्मिक आनंद को दुगना कर रही है. आपके कारण पडोसी परेशान हों, इसी में तो मनुष्य जीवन की सफलता है. एक मीठी गुदगुदी सी महसूस कर रहा हूँ अपने अन्दर. आज जब दिन में सब देखेंगे और जलेंगे तो कितना आनंद मिलेगा हमें'.
दीवान साहब, 'अगर किसी ने शिकायत कर दी तो?'.
सिन्हा साहब, 'अरे वह तो शायद कर भी चुके लोग. पुलिस वाले और नगर निगम वाले आये थे और अपनी भेंट ले कर चले गए. अब माता रानी को भेंट और चढानी है. आखिर उनकी कृपा से ही तो यह सब संभव हुआ है'
दीवान साहब, 'वधाई हो, अब मिठाई कब खिला रहे हो?'.
सिन्हा साहब, 'क्या यार तुम भी, मिठाई नहीं दारू और मुर्गे की बात करो. माता रानी की कृपा हुई है, क्या मिठाई से निपटा दूंगा? फाइव स्टार में पार्टी होगी यार'.
दीवान साहब, 'जय माता रानी की. चलो अब चलते हैं, माँ की कृपा के दर्शन तो कर लें'.

Saturday, December 25, 2010

यह तो हद हो गई गैरजिम्मेदारी की


पिछले एक महीने से यह गड्ढा खुदा हुआ है. इसे पानी की लीकेज को ठीक करने के लिए खोदा गया था. न लीकेज ठीक हुई और न ही गड्ढा भरा गया. पार्वा कार्यकारिणी गैरजिम्मेदार है यह तो सभी जानते हैं पर यह तो हद हो गई है गैरजिम्मेदारी की.

सी-ब्लाक के साथ पार्वा कार्यकारिणी का व्यवहार हमेशा सौतेला रहा है. चाहे वह गेट नंबर २ को खोलने का समय हो, चाहे वह फव्वारे वाले पार्क की देख रेख हो, चाहे थोड़ी सी वारिश होने पर पानी जमा हो जाना हो, चाहे सीवर जाम हो जाना हो, गन्दा और बदबूदार पानी घरों के बाहर बह रहा हो, चाहे कम्युनिटी सेंटर में ऊंची आवाज में कार्यक्रम हो रहा हो, पार्वा कार्यकारिणी को इन सब से कुछ लेना-देना नहीं होता. पार्वा कार्यकारिणी को तकलीफ तब होती है जब ए या बी ब्लाक में कोई तकलीफ हो.

सी ब्लाक से दो प्रतिनिधि पार्वा कार्यकारिणी में हैं, श्री धवन और श्री पालीवाल. यह दोनों महाशय क्या करते रहते हैं? क्या इन्हें कुछ नजर नहीं आता? क्या आज तक इन लोगों ने सी-ब्लाक की किसी समस्या की पार्वा कार्यकारिणी की मीटिंग में उठाया है? आज तक इन्होनें ब्लाक के निवासियों के साथ कोई मीटिंग नहीं की. इनकी कोई जिम्मेदारी है या नहीं? ऐसे गैरजिम्मेदार प्रतिनिधि के होते सी-ब्लाक की किसी समस्या का सुलझना संभव नहीं है. अगर यह लोग काम नहीं कर सकते तब इस्तीफा दें.

कौन भरवाएगा इस गड्ढे को? किस की जिम्मेदारी है यह? कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है.

Sunday, December 5, 2010

भगवती माँ की चौकी






विशाल भगवती जागरण समिति ने कल भगवती माँ की चौकी का आयोजन किया. यह आयोजन प्रगति अपार्टमेंट्स के सेन्ट्रल पार्क में हुआ. सारा प्रगति अपार्टमेंट्स माँ के भजनों की मधुर ध्वनि से गूँज उठा. माँ के दरबार की शोभा देखते ही बनती थी. सब निवासियों ने भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास से माँ का कीर्तन किया. आयोजकों ने माँ का भण्डारा भी लगाया था. सब भक्तों ने श्रद्धा और प्रेम से माँ का प्रसाद ग्रहण किया.

पिछले वर्ष के आयोजन से अगर तुलना की जाय तब इस वर्ष पूरा आयोजन अत्यंत सुचारू ढंग से किया गया. इसके लिए सभी आयोजक धन्यवाद और वधाई के पात्र हैं. उनके साथ जो स्व इच्छा से सेवादार काम कर रहे थे वह सब भी धन्यवाद और वधाई के पात्र हैं. युवा वर्ग इस में काफी उत्साह से शामिल हुआ. यह बहुत ही ख़ुशी और संतोष की बात है.

भजन मण्डली की जितनी प्रशंसा की जाय कम है. मधुर स्वरों में गाई गईं भेंटो ने एक अजब ही समाँ बाँध दिया.

मैंने कुछ फोटो खींचे. आप भी देखिये.

नगर कीर्तन







धन-धन श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर आयोजित नगर कीर्तन आज सुबह प्रगति अपार्टमेंट्स से होकर निकला. वाहे गुरु जी के कीर्तन से सारा प्रगति अपार्टमेन्ट गूँज गया. निवासियों ने उत्साह और हर्षोल्लास से कीर्तन का स्वागत किया. भक्तों ने असीम श्रद्धा और विश्वास के साथ गुरु का प्रसाद ग्रहण किया. मैंने कुछ फोटो खींचे. आप भी देखिये.


Monday, November 29, 2010

क्या सिर्फ गेट साफ़ होना काफी है?






प्रगति अपार्टमेंट्स का गेट तो साफ़ करवा लिया, पर उसकी दाईं तरफ का हिस्सा कौन साफ़ करवायेगा? किस की जिम्मेदारी है यह? देखिये कुछ तस्वीरें.

Monday, November 22, 2010

जरूरत है एक सही सोच की !





अब मैं क्या कहूं? तस्वीरें खुद बोलती हैं. सेन्ट्रल पार्क के साथ वाली सड़क की हैं यह तस्वीरें. आप खुद ही देखिये कि क्या कहती हैं तस्वीरें.

क्या बहुत मुश्किल है एक सही सोच बनाना? जरा सा सही सोच और यह स्थिति ही नहीं आती.

Monday, November 8, 2010

शिक्षित नागरिक और पानी की बर्बादी

एक और बात जो मुझे तकलीफ पहुंचाती है वह है पानी की बर्बादी. पानी जीवन है. पानी की एक-एक बूँद कीमती है. जैसा मैंने पहले कहा है, प्रगति अपार्टमेंट्स में शिक्षित लोग रहते हैं, जिन्हें उनके कर्तव्य याद दिलाना अच्छा नहीं लगता. एक-दो निवासियों से मैंने कहा भी पर वह लड़ने के लिए तैयार हो गए. 'आपको क्या तकलीफ हो रही है? आपका पानी बर्बाद कर रहे हैं क्या? पैसे देते हैं दिल्ली जल बोर्ड को? आप अपने काम से काम रखिये. हमारे मामलों में टांग मत अड़ाइये' - यह वह जवाब हैं जो अक्सर सुनने को मिलते हैं. लोग गलत काम करेंगे, कानून तोड़ेंगे, प्राकृतिक संसाधन बर्बाद करेंगे, पर अगर आपने कुछ कह दिया तो लड़ने पर आमादा हो जायेंगे.

पानी के टेंकों से पानी गिरता रहता है पर किसी को कोई तकलीफ नहीं होती. टेंक की मरम्मत करने में कोई विशेष खर्चा नहीं आएगा पर इन शिक्षित लोगों के मन में यह ख्याल ही नहीं आता कि वह पानी की बर्बादी कर रहे हैं.

कुछ लोग पानी की लाइन में पाइप लगा कर कार/स्कूटर धोते हैं, पोधों को पानी देते हैं, घर का बरामदा/सीड़ियाँ धोते हैं. यह काम थोडा पानी खर्च करके हो सकते हैं पर लोग इतनी बेदर्दी से पानी बहाते हैं कि उनके शिक्षित होने पर ही संदेह होने लगता है.

कौन समझाएगा इन्हें? यह खुद तो समझने वाले हैं नहीं. पार्वा कार्यकारिणी को इस विषय में उचित निर्देश जारी करने चाहियें.

Sunday, November 7, 2010

शिक्षित नागरिक और विजली की चोरी

प्रगति अपार्टमेंट्स में जो लोग रहते हैं सब शिक्षित हैं. उन में से कुछ शिक्षित लोग पार्वा कार्यकारिणी में हैं. यह बहुत दुःख और असंतोष का विषय है कि प्रगति अपार्टमेंट्स में जितने फंक्शन होते हैं उनमें अधिकाँश में ऐसा लगता है कि विजली की चोरी होती है. पिछला फंक्शन था दीवाली मेला. यह मेला आप जानते हैं पार्वा कार्यकारिणी द्वारा आयोजित किया गया था. उस फंक्शन में जो विजली की लड़ी लगाईं गई थी वह अभी भी लगी हुई है. आज सुबह जब मैंने उस पर ध्यान दिया तो पाया कि इस लड़ी में विजली के खम्बे से कनेक्शन जोड़ा गया है. ३० अक्टूबर से यह लड़ी लगातार हर रात जलती है.

क्यों करते हैं लोग ऐसा? सब जानते हैं कि यह गैरकानूनी है. और ऐसा करके वह कितना पैसा बचा लेते हैं? पार्वा कार्यकारिणी के सदस्यों को कोई व्यक्तिगत फायदा भी नहीं हो रहा है. यह पार्वा का फंक्शन है, पार्वा उस पर खर्चा करती है. फिर क्यों गैरकानूनी काम किया जाता है? मैं बार-बार इस बात पर ध्यान दिलाता हूँ पर कोई असर ही नहीं होता. मैं पार्वा का एक सदस्य हूँ, मुझे बहुत तकलीफ होती है जब पार्वा कार्यकारिणी कोई गैरकानूनी काम करती है.

अगर किसी दिन सम्बंधित सरकारी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही कर दी गई तब अपार्टमेंट्स के सभी निवासियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी. जिस प्रगति अपार्टमेंट्स की सब तारीफ़ करते हैं वह क्या सोचेंगे जब यह असलियत सामने आएगी?

इस ब्लॉग के माध्यम से, मैं, पार्वा का एक सदस्य, प्रगति अपार्टमेंट्स का एक निवासी, पार्वा कार्यकारिणी के सभी सदस्यों से अपील करता हूँ कि आवश्यक कदम उठायें और यह सुनिश्चित करें कि अपार्टमेन्ट में कोई गैरकानूनी काम न हो.

डीजल जेनरेटर अभी भी अपार्टमेन्ट से हटाया नहीं गया है. ऐसा क्यों है?

Saturday, November 6, 2010

दीवाली बाद की पहली सुबह

दीवाली आई,
दीवाली गई,
कुछ बदला क्या?
नहीं, कुछ नहीं बदला,
फिर कर दी बेकार,
एक और दीवाली.

खूब पटाखे बजाये,
खूब शोर मचाया,
पर जगे नहीं, सोते रहे,
प्रगाढ़ निद्रा में,
झूट, चोरी, बेईमानी,
नफरत, हिंसा, अन्याय की.

खूब दिए जलाए,
मोमबत्तियां जलाईं,
विजली की रंग-बिरंगी,
झालरें जलाईं,
पर मिटा नहीं अँधेरा,
मन, कर्म, वचन का.

Friday, November 5, 2010

इस वर्ष पार्वा ने दीवाली पूजन नहीं किया

पार्वा ने पिछले वर्ष दीवाली पर पूजन का आयोजन किया था. श्री ओ एन शर्मा ने पूजन करवाया था. मैंने कुछ वीडिओ बनाईं थीं. देखने के लिए क्लिक करें.

इस वर्ष पार्वा ने दीवाली पूजन का आयोजन नहीं किया. आज सुबह तक न तो कोई सर्कुलर आया और न ही नोटिस बोर्ड पर ऐसी कोई सूचना दी गई. मैंने श्री ओ एन शर्मा से इस बारे में पूछा, पर उन्होंने अनभिज्ञता प्रकट की.

दीवाली पूजन एक अच्छी परम्परा है. इस वर्ष इस परम्परा को तोड़ने का क्या कारण रहा होगा? वर्तमान पार्वा कार्यकारिणी के काम करने का तरीका मेरी समझ में नहीं आ रहा. दीवाली मेले में पार्वा कार्यकारिणी के अधिकाँश सदस्य अनुपस्थित थे. इस वर्ष पार्वा दिवस भी इस तरह मनाया गया की किसी को पता ही नहीं चला.

आप सबको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं.

Tuesday, November 2, 2010

दीवाली मेला - दिवस २

दीवाली मेले के दूसरे दिन का आयोजन भी कोई विशेष उत्साहवर्धक नहीं रहा. बस इतना अंतर था कि ओवरहेड लाईट्स जली हुई थीं. पहले दिन से रौशनी कुछ ज्यादा थी. बच्चो की डांस प्रतियोगता और तम्बोला, बस यही दो कार्यक्रम थे.

मैं जब भी स्टेज की और देखता मुझे लगता कि यह मेला है या कोई सेमिनार? स्टेज पर मेज और कुर्सियां लगी थीं, कुर्सियों पर नेता लोग जमे हुए थे. पार्वा कार्यकारिणी के अधिकाँश सदस्य कल की तरह आज भी गायब थे. प्रधानजी चुप थे, सचिव और एक बीआर बिना रुके बोल रहे थे. बच्चे जमीन पर डांस कर रहे थे. पीछे बैठे दर्शकों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. अधिकाँश लोगों का ध्यान खाने पर केन्द्रित था. जो अपार्टमेन्ट के बाहर से आये थे, चुनींदा स्टाल्स पर इकट्ठे थे.

कल की तरह जेनरेटर आज भी नहीं चल रहा था. मतलब विजली कहीं और से आ रही थी. मैंने ३१ तारीख की सुबह कुछ फोटो खींची थीं. आप भी देखिये. कानून तोडना क्या जरूरी था? पार्वा कार्यकारिणी ने ऐसा क्यों किया मैं यह नहीं समझ पाया. कितना पैसा बचाया उन्होंने यह कर के? प्रगति अपार्टमेंट्स के निवासियों को शर्मिंदा किया. कल को अगर कोई समस्या खड़ी हो जाती है तो प्रगति अपार्टमेंट्स का नाम बदनाम होगा. शिक्षित लोगों से यह आशा नहीं की जाती.

यह कार्यक्रम पार्वा कार्यकारिणी द्वारा आयोजित था. इस में कानून का उल्लंघन हुआ. पार्वा कार्यकारिणी निवासियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को भी इजाजत देती है, बदले में कुछ शुल्क लेती है. इन कार्यक्रमों में अगर ध्वनि निरोधक कानून का उल्लंघन होता है या विजली की चोरी होती है, तब उसकी जिम्मेदारी भी पार्वा कार्यकारिणी पर ही आती है. पार्वा अध्यक्ष , सचिव और अन्य पदाधिकारियों/सदस्यों को इस बारे में सावधान रहना चाहिए.


चलिए वर्ष २०१० का दीवाली मेला संपन्न हुआ. आशा है वर्ष २०११ का दीवाली मेला एक नए रूप में खूब धूमधाम से आयोजित किया जाएगा.

मेला ख़तम, पैसा हजम.

Sunday, October 31, 2010

दीवाली मेला - दिवस १

विगत वर्षों की भांति, इस वर्ष भी पार्वा कार्यकारिणी ने प्रगति अपार्टमेंट्स में दो दिवसीय दीवाली मेले का आयोजन किया है. पछले वर्षों के मुकाबले में पहले दिन का आयोजन कुछ फीका रहा. रौशनी बहुत कम थी. स्टाल्स में लगभग अँधेरा था. मैंने कुछ फोटो लेने की कोशिश की पर पर्याप्त रौशनी न होने के कारण फोटो खिंच नहीं पाए.
महंगाई का असर दीवाली मेले पर भी हुआ. खाने की वस्तुओं के दाम बहुत ज्यादा थे. पार्वा कार्यकारिणी के एक सदस्य ने इस बात पर ऐतराज जताया पर उन्हें प्रधान और सचिव ने चुप करा दिया. कुछ और लोग भी अधिक कीमतों का विरोध करते सुने गए.
पार्वा कार्यकारिणी के सभी सदस्य आयोजन में सम्मिलित नहीं थे. क्यों ?
जो जेनरेटर मेले में विजली देने के लिए लाया गया था वह पूरे समय बंद रहा. "विजली कहाँ से आई?", यह एक ऐसा प्रश्न था जो कई लोगों ने उठाया. दबी जुबान में लोग यह कहते सुने गए कि विजली की चोरी हो रही है. मैंने यह बात पार्वा कार्यकारिणी के एक सदस्य से कही तब उन्होंने इस के लिए अपार्टमेंट्स के सभी निवासियों को जिम्मेदार ठहरा दिया. मैं इस ब्लॉग के माध्यम से विजली चोरी का विरोध करता हूँ. अगर कोई चोरी हुई है तब उस के लिए केवल पार्वा कार्यकारिणी के सदस्य जिम्मेदार हैं. मैं यह निवेदन भी करता हूँ कि पार्वा कार्यकारिणी को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो देश के किसी कानून का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से उल्लंघन हो. मैंने इस ब्लॉग के माध्यम से कई बार पार्वा कार्यकारिणी का ध्यान ध्वनि प्रदूषण कानून की और भी दिलाया है, लेकिन कल फिर एकाउस्टिक एनक्लोजर रहित जेनरेटर मंगाया गया.
कुछ स्टाल्स पर जुआ होने की ख़बरें भी सुनाई दीं. पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर जुआ खिलाने और खेलने वालों को सावधान किया गया पर कोई और कार्यवाही नहीं की गई.
पिछले कई सालों से दीवाली मेला एक ही पैटर्न पर हो रहा है. इस वर्ष भी कोई नया खेल या आईटम नहीं जोड़ा गया.
बच्चों को अपने आइटम पेश करने में दिक्कत हुई. इस के लिए कोई स्टेज नहीं बनाया गया. पीछे बैठे दर्शकों को कुछ दिखाई ही नहीं पड़ रहा था.
ले देकर पहले दिन का आयोजन उत्साहवर्धक नहीं रहा. मजा नहीं आया. आशा है आज का आयोजन ठीक रहेगा.
प्रधान और सचिव को इस विषय पर अपनी टिपण्णी करनी चाहिए.

Friday, October 29, 2010

State of security in Pragati Apartments !!!

I have received these photos in e-mail. Is this the state of security PARWA EC is proud of?

No guard at Gate No. 1

People are walking in as though it is a open road

No guard at Gate No. 4

Sleeping in day time

Thursday, October 28, 2010

Stop compromising security of Pragati Apartments

For last few days I have been watching the development in PARWA EC. Bickerings in PARWA EC are ON again. Security has always been a bane of contention in Pragati Apartments. Vice-president is in-charge of security. During my brief association with PARWA EC, I have seen that President and Secretary always act as super-in-charge of every thing in PARWA including security. They, as a routine, interfere in the job of security in-charge. This creates disaffection between PARWA officer bearers and also between security guards. I have seen it happening in last PARWA EC. From what I have heard and seen, it is happening in current PARWA EC also. The difference is taht the bickerings have overshoot this time. An unpleasant situation has been created where President himself became security in-charge.

Services of two guards were terminated. This is when PARWA is always short of security guards. One security guard was handed over to police on a petty matter of a missing phone instrment. The circumstances under which the phone instrument went missing and later found abandoned in a park speak volumes of the bad blood flowing between officer bearers of PARWA. This is compromising the security of the apartments. Any time any unpleasant incident cam happen.

I demand that President, Vice-president and Secretary should explain this to PARWA members, and assure that such bickerings will stop forthwith and affairs of PARWA will be run in an atmosphere of trust and respect for each other. All groups and counter-groups should be demolished and PARWA EC should act as one unit.

Sunday, October 10, 2010

PARWA EC - be careful not to violate any law

On January 19, 2010, I wrote a post on this blog - क्या पार्वा कार्यकारिणी जानती है कि यह गैरकानूनी है?
CLICK TO READ

It looks as PARWA EC has not taken any notice of my advice. On October 8, 2010 again a DG set without acoustic enclosure was allowed to be used in a function organized in Central Park of Pragati Apartments. When I went there at about 7 PM, the DG set was ON and it was making hell of a noise. I feel pity on the residents living in flats across the road.

I wonder why PARWA EC has not introduced a condition that any resident using parks or other space in the apartments for any function will ensure that resident/tentwala do not used a DG set without acoustic enclosure. This condition can be easily printed in the application form which residents are required to fill for allowing them to use the parks and other spaces for organizing any function. A designated PARWA EC member can then monitor that all conditions are complied with.

PARWA is a representative body of all residents of Pragati Apartments. The residents should not be put in a situation where PARWA and its members are found violating any law just because PARWA EC has not acted wisely and according to law.

Saturday, October 9, 2010

नवरात्र और भजन संध्या







कल से नवरात्र प्रारंभ हुए. सभी को माँ सदबुद्धि दे ,विश्व में शांति हो ,अधर्म का नाश हो, धर्मं की विजय हो ,जय माँ अंबे, जगदम्बे, तेरी सदा जय हो जय जय कार हो ,सभी को नवरात्र की बहुत बहुत शुभकामनाएं.

न - नवचेतना
अ - अखंडज्योति
व् - विघ्ननाशक
र - रतजागेश्वरी
अ - आनंददायी
त -त्रिकालदर्शी
र - रक्षाकर्ती
अ - आनंदमयी माँ नवदुर्गा
कल प्रगति अपार्टमेंट्स में एक भजन संध्या का आयोजन हुआ. यह आयोजन फ्लेट नंबर २४३ की शशि मल्होत्रा ने किया.

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिला संकीर्तन मंडल ने नवरात्रों के अवसर पर प्रतिदिन-कीर्तन का कार्यक्रम घोषित किया है.

Tuesday, October 5, 2010

Pragati Divas Celeberation - 4 October

PARWA EC celeberated Pragati Divas on 4 October 2010 near Central Park. I came to know about it today (5 October 2010) when I was going for the morning walk. A message was written on the notice board outside PARWA Office. It was not there when I went for morning walk on 4 October. No other notice board in the apartments carried this message. No circular was sent to residents. I did not hear any announcement also.

I am hurt. PARWA EC had behaved in a irresponsible manner as it has not organized the function in a proper manner. Why all residents were not informed? If you ask them they will give you some silly excuses, but the fact is that many residents missed this function and I am one of them, and PARWA EC is responsible for this.

Regarding this function last year, READ my post which I uploaded on the same day on 4 October 2009.

During last year's function Shri Malik had promised a grand function this year. I reproduce here the relevant portion from my earlier post about this:
"अगले वर्ष हमारा प्रगति अपार्टमेंट्स १८ वर्ष का हो जाएगा. मलिक जी ने यह घोषणा की कि उस अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा. उन्हनें सब निवासियों से निवेदन किया कि मिल जुल कर सामूहिक रूप से प्रगति अपार्टमेंट्स की प्रगति में भागीदार बनें."

What happened to that promise?

Friday, September 3, 2010

प्रगति अपार्टमेंट्स में श्री क्रष्ण जन्माष्टमी

कल महिला संकीर्तन मंडल ने प्रगति अपार्टमेंट्स में जन्माष्टमी का आयोजन किया. मैंने दोपहर में कुछ फोटो खींचे. आप भी देखिये.

Thursday, September 2, 2010

Janmashtmii - Kishita Q&A

Kishita Gupta, Flat No. 315

Wednesday, September 1, 2010

PARWA collecting Parking - Maintenance - Charges

Yesterday I have received a letter from PARWA signed by President / General secretary. CLICK on the image to read the letter.

I have sought some information / clarifcation from PARWA:

I have received your letter No. 15/PA/Parking/2010/11 dated 30.08.2010 on the above subject. I need following information/clarification:

a) Has PARWA been authorized by some Govt. agency to charge Parking Fee for parking cars inside Pragati Apartments and outside of Gate No. 1? If yes then provide a copy of the authorization.
b)
Provide details of maintenance as indicated in the letter.

Above information may please be provided before 07.09.2010. In case no information is provided by PARWA, I will be forced to lodge a complaint with Govt. / Police authorities that PARWA is illegally collecting parking fee.

Please provide details of RARWA policy on parking of cars by visitors of the residents.


I will keep informing the visitors to the blog on this issue.


Tuesday, August 17, 2010

Paintings by Kishita Gupta - wins prize

Mermaid

Mother Nature

Certificate
Flat Mo. 315, Pragati Apartments

Sunday, August 15, 2010

झंडा ऊंचा रहे हमारा

हर वर्ष की भांति, इस वर्ष भी पार्वा ने प्रगति अपार्टमेंट्स में स्वतंत्रता दिवस मनाया.
हर वर्ष की भांति, इस वर्ष भी कुछ ही निवासी इस आयोजन में शामिल हुए.
हर वर्ष की भांति, इस वर्ष भी लोग देर से आये.
हर वर्ष की भांति, इस वर्ष भी .............. (जाने दीजिये).
एक नई बात हुई इस वर्ष. पार्वा के महा-सचिव, श्री मलिक, ने एक चुटकुला सुनाया. उन्होंने कहा कि प्रगति अपार्टमेंट्स के निवासी समय के बहुत पाबन्द हैं.




Wednesday, August 11, 2010

आज हुई छमा छम वारिश

कई दिनों की लुकाछिपी के बाद आज आखिर वारिश हो ही गई प्रगति अपार्टमेंट्स में. कल बादल गरजे थे, कुछ बूँदें भी पडीं पर वारिश नहीं हुई. ऐसा अकसर होता है कि दिल्ली में तेज वारिश होती है, रास्तों में पानी भर जाता है, पर प्रगति अपार्टमेंट्स सूखा ही रहता है.

खैर आज वारिश हो ही गई. विश्व स्तर के शहर दिल्ली की तरह प्रगति अपार्टमेंट्स में भी जगह-जगह पानी भर गया. इस नाते प्रगति अपार्टमेंट्स भी विश्व स्तर के अपार्टमेंट्स हो गए हैं. वधाई हो.

Monday, August 9, 2010

पंद्रह अगस्त - क्या भूल गए क्या याद रहा

पिछले वर्ष मैंने पंद्रह अगस्त पर अपनी एक रचना अपने ब्लॉग काव्य कुञ्ज पर प्रकाशित की थी. आज वह रचना इस ब्लॉग पर प्रकाशित कर रहा हूँ.

"मैं बच्चा था एक वर्ष का,
जब पंद्रह अगस्त आया था,
आधी रात सूरज निकला था,
माँ ने मुझको बतलाया था,
आजादी के रंग में रंग कर,
नया तिरंगा फहराया था,
कई सदियों के बाद आज फिर,
भारत माता मुस्काई थी,
कितने बच्चों की कुरबानी
देकर यह शुभ घडी आई थी.

रंग-बिरंगे वस्त्र पहन कर,
हम सब विद्यालय जाते थे,
झंडा फहरा, राष्ट्र गान गा,
सब मिल कर लड्डू खाते थे,
दिन भर हा-हा-हू-हू करते,
रंग-बिरंगी पतंग उडाते,
मौज मनाते, ख़ुशी मनाते,
थक जाते, जल्दी सो जाते.

अब सोते हैं सुबह देर तक,
छुट्टी का आनंद लूटते,
लाल किले की प्राचीरों से,
कुछ न कुछ हर साल भूलते,
बना दिया बाज़ार राष्ट्र को,
भूल गए अपना इतिहास,
बने नकलची बन्दर हम सब,
अपना नहीं बचा कुछ पास.

राष्ट्र मंच पर कहाँ खड़े हैं,
नायक हैं या खलनायक है,
हैं सपूत भारत माता के,
या उसके दुःख का कारण हैं?
छह दशकों के दीर्घ सफ़र में,
कितने कष्ट दिए हैं माँ को,
माँ की आँखें फिर गीली हैं,
जागो अरे अभागों जागो."

Sunday, August 8, 2010

Clean Pragati Apartments Drive on Independence Day

Next Sunday is India's Independence Day. Like every year, PARWA will celebrate it this year also. I think this year this day should be celebrated in a different manner.

Flag hoisting should be done by the senior most citizen in Pragati Apartments. After Flag hoisting, he/she should be requested to share with the children, young residents and others their personal experiences of that 15th August when India became free. This first hand account will give right information to the young generation.

After that, to sensitise and educate residents about keeping the environment clean and healthy, a cleanliness drive should be launched. Selected children and young residents can speak on the importance of cleanliness, protection of environment, saving water and electricity etc. A cleanliness procession should be taken in all parts of the apartments with banners carried by children and young residents.

Let the children teach the elders.

Friday, August 6, 2010

PAWA EC should restrict the movemnt of dogs


Free movement of dogs has become a nuisance in Pragati Apartments. Dogs have a free run in the parks, on the main road, in the back lanes, everywhere. This is not correct. PARWA EC should follow the example of Mumbai society and issue a circular for restricting the movement of dogs in the apartments.

Dogs should not be allowed in the parks. They should not be left unattended. Whenever a dog is taken out of the house, the dog should accompany the dog. Dog should be properly chained. Dog owners should take take their dogs outside the apartment if they want to take a stroll. Dog owners should ensure that their dogs do not urinate and poop inside the apartments.

Wednesday, August 4, 2010

PARWA EC should take action to solve this problem







Today there is a function going on in the Community Hall. They have installed a DG set without acoustic enclosure. It is generating lot of noise. Residents in near by flats in Group C are forced to tolerate this deafening noise, as PARWA EC has not been pro-active to stop this noise and air pollution,which is causing lot of inconvenience to them. This is yet another example of PARWA EC not bothering about the problems being faced by Group C residents.

I am on second floor. I have closed my doors and windows, but still the sound is troubling me. I can imagine the trouple ground and first floor residents must be going through. The smoke comtainng harmful gases is coming into the flats.

Using DG sets without acoustic enclosure is also a violation of Noise Pollution Law. PARWA EC should take up this issue with concerned Govt. departments managing this comminity hall.

Photos added on 05.08.2010

Enjoy the beauty of nature

Pragati Apartments have 13 parks but its residents never get a chance to enjoy the beauty of nature. All parks are ill kept. Yesterday I was in Mohali. In the morning I visited the Rose Garden. I took many photos of roses and green surroundings. Then I made a movie from these photos. I uploading this movie so that residents can at least enjoy the beauty of nature as photographed in the movie:

Sunday, August 1, 2010

Gate No. 2 needs attention





On left are some picture of Gate No. 2. Don't you think it needs attention. PARWA ECs have always been partial to Group C. No doubt Gate No. 2 is near to Group C flats, but it is also near to some flats in Group B. PARWA EC should at least give some consideration to this Gate on it being near to some flats in Group B.

Time slots when this Gate opens are also not adequate if convenience of Group C residents is considered. Whenever I have raised this issue, some EC members have talked of shortage of security staff. This shortage is not a handicap when Gate No. 3 and 4 are opened for longer periods.

I do not know what two Block representatives of Group C residents are doing for solving problems of those residents whom they represent? They have not even called a meeting of Group C residents to know about the issues they should raise in EC related to welfare of Group C residents. One block representative has even been the President for two terms, but issues related to welfare of Group C residents have not engaged his attention. What may be the reasons for this?

I have put up a post on this blog detailing the issues related to welfare of Group C residents, but both block representatives do not seem be bothered about them. It is very unfortunate.

 

blogger templates | Make Money Online