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पार्वा कार्यकारिणी के चुनाव - कार्यक्रम घोषित
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Monday, March 5, 2012

पार्वा ईसी द्वारा गैरकानूनी पार्किंग फीस की बसूली

लगता है पार्वा ईसी और पार्वा के कुछ सदस्य कानून तोड़ने की कसम उठा बैठे हैं. मैंने कितनी बार उन्हें समझाने की कोशिश की पर वह यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि पार्वा आम सभा देश के कानून को बदल नहीं सकती. आम सभा की मीटिंग में हुए गैरकानूनी फैसलों को जबरदस्ती अपार्टमेन्ट निवासियों पर लादने का हर संभव प्रयत्न किया जाता रहता है. कुछ दिन पहले फिर पार्वा ईसी ने मुझे एक नोटिस भेज दिया कि मैं पार्किंग फी जमा करूँ, क्लिक करें पढ़ने के लिए.

मैंने इस नोटिस का जबाब दिया है:


पत्र संख्या - एससीजी/पार्वा/२०१२/३                                                        दिनांक ०५-०३.२०१२
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष,                                     
प्रगति अपार्टमेन्ट्स रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन
पश्चिम विहार, नई दिल्ली ११००६३
सन्दर्भ आपका विषय-रहित परिपत्र दिनांकित ०३.०३.२०१२
इस तरह के परिपत्र भेजने का कोई औचित्य नहीं है, जिनमें सूचना न तो पूरी होती है और न ही सही होती है. इस परिपत्र के साथ पूरी सम्बंधित सूचना संलग्न की जानी चाहिए थी जिस से मुझे इस पर आवश्यक कार्यवाही करने में मदद मिले. हो सकता है कि यह भी पार्वा कार्यकारिणी की कोई चाल हो जिस में परिपत्र भेजने की मात्र औपचारिकता पूरी की जा रही हो और प्रेषिती से किसी कार्यवाही की आशा न की गई हो. पैरा नंबर २ से कुछ ऐसा ही स्पष्ट होता है.
मैं इस परिपत्र पर न्यायोचित कार्यवाही करना चाहता हूँ और इस के लिए मुझे तुरंत निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ उपलब्ध कराई जाएँ:
१)      पार्वा आम सभा की कार्यवाही का पूर्ण विवरण जिसमें यह स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया हो कि कार्यकारिणी ने आम सभा के सामने क्या प्रस्ताव रखा और चर्चा के दौरान किस-किस सदस्य ने क्या-क्या टिप्पणी की और फिर क्या निर्णय लिया गया. यह भी स्पष्ट किया गया हो कि किस-किस सदस्य ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया और किस-किस ने प्रस्ताव के विरुद्ध मत दिया.
२)      उन सभी समबन्धित दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ जिन्हें आम सभा में उपस्थित सदस्यों को उपलब्ध कराया गया, जिसके आधार पर चर्चा हुई और संबंधित निर्णय लिए गये.
३)      आम सभा में जो सदस्य उपस्थित थे उनकी सूची. मैं उन सभी सदस्यों को व्यक्तिगत पत्र लिख कर यह जानना चाहूंगा कि उन्होंने किस आधार पर अपना निर्णय लिया.
४)      प्रगति अपार्टमेन्ट परिसर में जमीन के जिस हिस्से में कारें पार्क की जाती हैं उसके स्वामित्व का दस्तावेज और सम्बंधित सरकारी आदेश जिसमें यह जमीन पार्वा को बेच दी गई है या लीज पर दी गई है और जिसमें पार्वा को यह अधिकार दिया गया है कि वह इस जमीन पर कार पार्क करने वाले निवासियों से पार्किंग फी बसूल कर सकती है.
५)      ऐसा कोई दस्तावेज जिस में पार्वा को यह अधिकार मिला हो या सरकार द्वारा दिया गया हो जिस के अंतर्गत पार्वा देश के कानून को बदल सकती हो और बिना अनुमति (लाईसेंस) कार पार्किंग फी बसूल कर सकती हो.
६)      कारों के डाटाबेस की प्रतिलिपि और किन-किन सदस्यों ने कितनी पार्किंग फी  पार्वा को अब तक दी है, उसका पूर्ण विवरण.
७)      पार्किंग फी को पार्वा के किस खाते में जमा किया गया है और किन कार्यों पर खर्च किया गया है, इसका पूर्ण विवरण.
८)      जिन सदस्यों ने पार्किंग फीस दी है उन्हें पार्वा द्वारा क्या सेवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं, उनका पूर्ण विवरण.
९)      ऐसा ही सम्पूर्ण विवरण उन कारों के बारे में जो अपार्टमेन्ट के बाहर नाले के ऊपर पार्क की जाती हैं.
पार्वा एक वेलफेयर सोसाइटी है जो देश की संसद द्वारा पारित कानून के अंतर्गत पंजीकृत की गई है. पार्वा कार्यकारिणी ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकती जो कानून के विरुद्ध हो. पार्वा आम सभा ऐसा कोई निर्णय नहीं कर सकती जो कानून के खिलाफ हो. ऐसा करने पर पार्वा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है. ऐसी परिस्थिति में पार्वा कार्यकारिणी तो दोषी होगी ही, साथ में वह सब आम सदस्य भी दोषी होंगे जिन्होनें आम सभा में लिए गये निर्णय को अपनी स्वीकृति दी.
मैं कई बार पार्वा कार्यकारिणी को यह बता चुका हूँ कि पार्किंग फी बसूलना गैर-कानूनी है. आम सभा को कोई अधिकार नहीं है ऐसा कोई निर्णय लेने का, पर पार्वा कार्यकारिणी और आम सभा के कुछ सदस्य जान-वूझ कर देश का कानून तोड़ रहे हैं. बेह्तर होगा कि सब अपनी जिम्मेदारी समझें और कानून का सम्मान करें.
ऊपर लिखित सब दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ मुझे तुरंत उपलब्ध कराई जाएँ जिस से मैं इस परिपत्र पर आवश्यक कार्यवाही कर सकूं. 
(एस सी गुप्ता)
फ्लेट न. ३१५ 

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