पुरानी कहावत है पर हर समय लागू होती है. कल रात गेट नंबर १ के बाहर नाले पर पार्क्ड कारों में से एक के शीशे खोलने की कोशिश की गई. गेट पर मौजूद चौकीदार के अनुसार वह चार आदमी थे. उसने आवाज लगाईं. उसी समय अपार्टमेन्ट के एक निवासी अपनी कार से वहां पहुंचे और उनकी तरफ दौड़े. इस से घबरा कर वह आदमी भाग गए.
घटना तो घट गई. ईश्वर की कृपा से कोई नुकसान भी नहीं हुआ. पर इस से सबक सीखना जरूरी है. क्या पार्वा कार्यकारिणी इस से सबक सीखेगी?
रात में गेट नंबर १ पर केवल एक चौकीदार होता है. बाकी चौकीदार अन्दर गश्त लगाते रहते हैं. कम से कम एक चौकीदार और होना चाहिए. दो चौकीदार हमेशा गेट पर रहें. बैसे भी पार्वा कार मालिकों से शुल्क लेती है कारों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए. यह शुल्क एक चौकीदार को, जो हमेशा इन कारों के पास रहे, नियुक्त करने में प्रयोग किया जाना चाहिए. अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया?
एक और बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है. चौकीदार रात में अपार्टमेन्ट और उसके निवासियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. चौकीदारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निवासियों की प्रतिनिधि संस्था पार्वा की है. क्या पार्वा यह जिम्मेदारी पूरी तरह निभा रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. पार्वा कार्यकारिणी तुरंत इस बारे में विचार करके उपयुक्त निर्णय ले. सावधानी वरतना जरूरी है. सावधानी में ही सुरक्षा है.
Friday, July 23, 2010
सावधानी में ही सुरक्षा है
Posted by S. C. Gupta at 8:42 PM 0 comments
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Tuesday, July 20, 2010
सवाल उठ रहे हैं, जबाब कौन देगा?
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी की सोमवार से दिल्ली में तेज वारिश होगी. सोमवार तो ऐसे ही निकल गया. सुनने में आया कि पड़ोस के पंजाबी बाग में वारिश हुई पर प्रगति अपार्टमेंट्स में मात्र चार-पांच मिनट हल्का पानी बरस कर रह गया. शाम को बहुत अच्छी हवा चल रही थी. पश्चिम विहार की तरफ काले बदल भी दिखाई दे रहे थे, पर वारिश नहीं हुई. इन्तजार करते सो गए. रात में जब आँख खुली तब देखा वारिश हो रही थी, विजली भी चमक रही थी. हलकी-तेज यह वारिश दोपहर तक होती रही. फिर धूप निकल आई. अब तेज धूप निकली हुई है और चिपक वाली गरमी महसूस हो रही है.
सीवर अभी तक साफ़ नहीं किये गए हैं. रास्तों में फिर पानी भर गया था. किसकी जिम्मेदारी है यह? पार्वा कार्यकारिणी इस बारे में उदासीन है. निवासी भी उदासीन हैं, कोई शिकायत नहीं करता. मुझे यह सब बड़ा अजीब लगता है.
ग्रुप 'सी' के छोटे पार्क में खूब घास निकल आई है, पर कुछ छोटे-छोटे हिस्से ऐसे हैं जहाँ घास नहीं निकली है. इस बारे में कुछ किया जाना चाहिए. पार्क कि स्थिति देख कर ऐसा लगता जैसे काफी दिनों से सफाई नहीं हुई है. नगर निगम उद्यान विभाग के कर्मचारी कभी नजर नहीं आते. पार्वा द्वारा नियुक्त माली भी दिखाई नहीं पड़ता. पार्वा कार्यकारिणी द्वारा ग्रुप 'सी' के प्रति सौतेला व्यवहार अभी भी जारी है. इस ग्रुप से दो ब्लाक प्रतिनिधि पार्वा कार्यकारिणी में हैं, पर यह लोग न जाने क्या करते हैं. धवन साहब और पालीवाल साहब को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.
छोटे पार्क में पौधे लगाए गए थे. उनमें से कुछ सूख गए हैं. पौधों की देखभाल बच्चों की तरह करनी पड़ती है. अपार्टमेंट्स के पार्कों की देखभाल पार्वा कार्यकारिणी के किस सदस्य की जिम्मेदारी है? किसी को यह जिम्मेदारी दी भी गई है या नहीं, पता नहीं. गेट नंबर एक के बाहर एक पेड़ सूख गया है.यह किस की जिम्मेदारी थी? पार्वा ने इन पेड़ों और पौधों को लगाने के लिए कितना पैसा खर्च किया? वह पैसा अगर बर्बाद हो गया तब इस के लिए कौन जिम्मेदार है?
सवाल पैदा हो रहे हैं. पार्वा कार्यकारिणी को जबाब देने चाहियें. पार्वा अध्यक्ष और कुछ ब्लाक प्रतिनिधि का चुनाव बाई-लाज के अनुसार नहीं हुआ है. यह एक बहुत बड़ा सवाल है जिसका उत्तर दिया जाना चाहिए.
Posted by S. C. Gupta at 5:10 PM 0 comments
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Monday, July 12, 2010
स्वागतम इंद्र देवता
नई दिल्ली, पश्चिम पुरी, प्रगति अपार्टमेंट्स
गर्मी अपनी चरम सीमा पर थी. इंद्र देवता प्रसन्न हुए. अभी कुछ देर पहले खूब जम कर वारिश हुई, अभी भी हल्की-हल्की हो रही है. सीवर बंद हैं. रास्तों में पानी भर गया है. मैंने कुछ दिन पहले सावधान किया था पर रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन ने दिल्ली नगर निगम की तरह मेरी वार्निंग को नजर अंदाज कर दिया.
Posted by S. C. Gupta at 7:24 PM 0 comments
Labels: choked sewars, heat, lanes flooded, pragati apartments, rain Gods, rains, RWA not vigilant, summer
Friday, July 9, 2010
Warning signal ignored
Last week I posted a WARNING SIGNAL on the blog about waterlogging in Group 'C'. The warning signal was ignored. Yesterday (08.10.2010) it rained and this time waterlogging was more and in extended area.
What Block Representatives are doing?
Posted by S. C. Gupta at 7:05 PM 0 comments
Labels: Group C flats, pragati apartments, Water logging
Tuesday, July 6, 2010
सूख गया बेचारा
जनवरी २०१०, में मैंने ब्लॉग पर एक पोस्ट डाली थी वृक्षारोपण पर. वृक्षारोपण करते नेताओं के फोटो भी पोस्ट किये थे. देखने के लिए क्लिक करें.
बेचारा एक पेड़ सूख गया. जो नेता फोटो में नजर आ रहे हैं जरा उनसे पूछिए तो कि यह पेड़ क्यों सूख गया? क्या नेताओं का काम फोटो खिंचा कर समाप्त हो गया था? पेड़ बच्चों की तरह होते हैं. उन्हें बड़े प्यार से पालना होता है.
अप्रैल २०१०, अन्दर के और बाहर के कुछ नेताओं ने दो पार्कों में वृक्ष लगाए थे. उनकी फोटो देखने के लिए क्लिक करें
मई २०१० में मैंने लिखा था - "कुछ पौधे सूख गए हैं और अगर कुछ जल्दी ही नहीं किया गया तब कुछ और पौधे भी सूख जायेंगे. गरमी का मौसम है. किसी भी प्रकार की लापरवाही नुकसानदेह साबित होगी." पढने के लिए क्लिक करें.
यह वृक्ष बेचारा सूख गया. किसी को इसकी चिंता है क्या?
Posted by S. C. Gupta at 3:45 PM 0 comments
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Sunday, July 4, 2010
A warning signal
Yesterday night it rained. It was light rain but it flooded some portion of Group 'C' - (the passage which is used by residents to park their cars in the back). The drains are choked. Immediate action should be taken to clean the drains or else it will be a big problem when it rains heavily.
Pro-active action should also be taken to check all other drains in the apartments.
Posted by S. C. Gupta at 11:23 AM 0 comments
Labels: Choked drains, passage flooded, pragati apartments, rains
Hope for fountain park
On 5, 2010, I wrote a post on this blog - "Even grass has been partial towards this park". CLICK to read the post. This park has always been neglected. Residents in Group 'C' collected money and built a fountain but that fountain is not put in operation. People who claim to be the guadians of the apartments raise eyebrows whenever this issue is raised. Anyway that is the dirty politics of these people.
Yesterday, July 3, 2010, some people (perhaps from Horticultue Department) were seen working in the park. They sweeped the park and levelled the ground. Then in the night it rained. The rains have revived the hope that grass may grow in this park.
Some children are seen playing football in the park. Parents of these children should properly advise the children, as it will damage whatever grass has grown.
The rain Gods have been kind. Let us hope the park become lush green.
Posted by S. C. Gupta at 10:58 AM 0 comments
Labels: football, fountain park, grass in park, Group C flats, park, pragati apartments, rains