पुरानी कहावत है पर हर समय लागू होती है. कल रात गेट नंबर १ के बाहर नाले पर पार्क्ड कारों में से एक के शीशे खोलने की कोशिश की गई. गेट पर मौजूद चौकीदार के अनुसार वह चार आदमी थे. उसने आवाज लगाईं. उसी समय अपार्टमेन्ट के एक निवासी अपनी कार से वहां पहुंचे और उनकी तरफ दौड़े. इस से घबरा कर वह आदमी भाग गए.
घटना तो घट गई. ईश्वर की कृपा से कोई नुकसान भी नहीं हुआ. पर इस से सबक सीखना जरूरी है. क्या पार्वा कार्यकारिणी इस से सबक सीखेगी?
रात में गेट नंबर १ पर केवल एक चौकीदार होता है. बाकी चौकीदार अन्दर गश्त लगाते रहते हैं. कम से कम एक चौकीदार और होना चाहिए. दो चौकीदार हमेशा गेट पर रहें. बैसे भी पार्वा कार मालिकों से शुल्क लेती है कारों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए. यह शुल्क एक चौकीदार को, जो हमेशा इन कारों के पास रहे, नियुक्त करने में प्रयोग किया जाना चाहिए. अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया?
एक और बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है. चौकीदार रात में अपार्टमेन्ट और उसके निवासियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. चौकीदारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निवासियों की प्रतिनिधि संस्था पार्वा की है. क्या पार्वा यह जिम्मेदारी पूरी तरह निभा रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. पार्वा कार्यकारिणी तुरंत इस बारे में विचार करके उपयुक्त निर्णय ले. सावधानी वरतना जरूरी है. सावधानी में ही सुरक्षा है.
मुख्य समाचार
पार्वा कार्यकारिणी के चुनाव - कार्यक्रम घोषित
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Friday, July 23, 2010
सावधानी में ही सुरक्षा है
Posted by S. C. Gupta at 8:42 PM
Labels: car parking fee, cars parked on covered drain, Gate No 1, parwa, parwa EC, pragati apartments, security, Security Guards
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