दिल्ली राज्य प्राक्रतिक आपदाओं के लिए अधोमुख है। इन आपदाओं में जीवन एवम् संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुँचता है. आपदाओं के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए एक आपदा प्रबंधन पद्धति की आवश्यकता है जो सक्रिय और व्यापक हो. यह भी जरूरी है कि नागरिकों को जरूरी जानकारी दी जाय जिस से आपदा के दौराम वह सयंम वरतते हुए आपदाओं का मुकाबला कर सकें.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पश्चिम) द्वारा १५.०२.२०१२ वुधवार को एक मोक ड्रिल ( कृत्रिम अभ्यास) की जा रही है, जिस में पार्वा भी भाग लेगी.
भूकंप से निपटने के लिए तैयारी की जानकारी के लिए साथ की फोटों पर क्लिक करें.
१५.०२.२०१२ - पार्वा ने कृत्रिम अभ्यास में बस इतना ही भाग लिया कि पार्वा सचिव श्री मलिक ने सरकार द्वारा दी गई जानकारी को पढ़ कर सुना दिया. उन्होंने शायद खुद भी इसे ठीक से नहीं पढ़ा था इस लिए वह बार-बार यह कह रहे थे कि ऐसा कर के आप भूकंप को आने से रोक सकते हैं.
तथाकथित कृत्रिम अभ्यास ११.३० बजे प्रारम्भ हुआ था पर पार्वा उपाध्यक्ष श्री जोगिन्दर सिंह ११.४५ पर तशरीफ लाये. इस से यह पता लगता है कि पार्वा कार्यकारिणी इस विषय में कितनी गम्भीर है.
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