तो आखिरकार विजली की एक चोरी पकड़ी ही गई और जुर्माना भी हो गया. और भी विजली की चोरियां हो रही हैं, अगर पार्वा और अपार्टमेंट्स के निवासियों ने जिम्मेदार नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं किया तब इस तरह के और भी जुर्माने होंगे, और सारे निवासियों को शर्मिंदा होना पड़ेगा जब कि यह चोरी कुछ निवासियों द्वारा ही की जाती है. इसी तरह कुछ निवासी पानी की बर्बादी करते हैं जो एक जुर्म है. मैंने इस बारे में ब्लॉग पर लिखा है, कुछ लोगों का ध्यान व्यक्तिगत तौर पर भी इस और दिलाया है पर कुछ असर नहीं हुआ. इन पोस्ट को पढने के लिए क्लिक करें:
शिक्षित नागरिक और विजली की चोरी
शिक्षित नागरिक और पानी की बर्बादी
आज जब चोकीदार पार्वा का सर्कुलर लेकर आया और मुझसे १०० रूपए मांगे तब मेरी पहली प्रतिक्रिया हुई कि मैं क्यों यह जुर्माना दूं जब मैंने विजली की कोई चोरी नहीं की. जिन्होनें चोरी की है वह भरें जुर्माना. मैंने इस बारे में फिर सोचा, तब मैंने यह तय किया कि ब्लॉग पर अपनी प्रतिक्रिया लिखूं. चोरी हुई है इस में कोई संदेह नहीं. जुर्माना भी होना चाहिए, इसमें भी कोई संदेह नहीं. पर क्या कोई इस से कोई सबक सीखेगा? पार्वा कार्यकारिणी के सर्कुलर के आखिरी पैरा को देख कर ऐसा लगता है कि उन्होंने भी कुछ नहीं सीखा. कुछ निवासियों की गलती की सजा उन निवासियों को क्यों मिले जिन्होनें गलती नहीं की? पार्वा कार्यकारिणी ने बस एक धमकी दे दी अपने सर्कुलर में और उनकी जिम्मेदारी पूरी हो गई. यह शर्म की बात है पार्वा कार्यकारिणी के लिए.
बीएसईस के साथ मिल कर पार्वा कार्यकारिणी एक ऐसा सिस्टम बनाये जिस से अपार्टमेन्ट में की जा रही विजली की चोरियां बंद हों, और अगर फिर भी कोई निवासी विजली की चोरी करता है तब उसी निवासी को सजा मिले. उन विवासियों को सजा देना जो जिम्मेदार नागरिक हैं बहुत गलत बात है. यह एक तरह का अन्नाय है. यह बीएसईस के लिए भी गैरजिम्मेदाराना हरकत है, विजली की चोरी रोकना उनकी जिम्मेदारी है. विजली चोरी की सजा विजली चोरों को न दे कर सामूहिक जुरमाना लगाना अपनी जिम्मेदारी से भागना है, और एक तरह से जिम्मेदार नागरिकों को दिन-दहाड़े लूटना है.
ब्लोक प्रतिनिधियों को यह जिम्मेदारी दी जाय कि वह इस बात पर लगातार निगाह रखें कि कोई निवासी विजली की चोरी तो नहीं कर रहा, अगर ऐसा होता पाया जाय तब उस निवासी को समझाया जाय और न मानने पर कार्यकारिणी उसे नोटिस जारी करे. उस पर भी न मानने पर चोरी के बारे में बीएसईस को सूचित किया जाय.
ऐसा ही पानी की बर्बादी किये जाने पर किया जाय. दिल्ली जल बोर्ड के साथ संपर्क बनाये रखा जाना चाहिए और पानी की बर्बादी रोकी जानी चाहिए.
इस विषय पर विस्तार से विचार होना चाहिए. इसके आम सभा की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई जाय और उस में उचित निर्णय लिए जाएँ.
वर्तमान पार्वा कार्यकारिणी का यह कार्यकाल अनेक गैरजिम्मेदार घटनाओं से भरा हुआ है. स्वयं पार्वा अध्यक्ष और कुछ ब्लोक प्रतिनिधियों का चुनाव ही अवैध है. ब्लोक प्रतिनिधि तो बस नाम के प्रतिनिधि हैं. उनका होना न होना एक बराबर है. अब जब बीएसईस द्वारा अपार्टमेन्ट में हो रही विजली की चोरी पकड़ी गई है और जुर्माना भी हुआ है तब यह आवश्यक है कि इस से सही सबक सीखा जाय.
मुख्य समाचार
पार्वा कार्यकारिणी के चुनाव - कार्यक्रम घोषित
______________________________________
Wednesday, February 16, 2011
विजली की चोरी और जुर्माना
Posted by S. C. Gupta at 7:32 PM
Labels: BSES, DJB, fine, parwa, parwa EC, power theft, Pragati blog, Wasting water
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comments:
Shame on those who steal electricity and waste water.
Post a Comment